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अपने इनबॉक्स में स्वास्थ्य की दैनिक खुराक प्राप्त करें!डरावना सपना देखना कोई बीमारी नहीं है, लेकिन जब यह बार-बार हो, दिनभर काम करने की क्षमता कम करे, दिमाग में उसकी यादें बनी रहें या व्यक्ति सोने से ही डरने लगे, तब इसे नाइटमेयर डिसऑर्डर माना जाता है. ऐसे लोगों में अक्सर थकान, चिड़चिड़ापन, ध्यान की कमी, याददाश्त में कमी और बुरे सपनों का लगातार डर देखने को मिलता है. बच्चों में यह समस्या होने पर माता-पिता की नींद भी प्रभावित होती है.
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हल्का भोजन करें: रात का खाना हल्का और पचने में आसान होना चाहिए। इसे जल्दी खाएं ताकि शरीर को आराम से पचाने का समय मिल सके।
सपने आना बहुत ही आम बात है. जब get more info भी आप सोते हैं, तो आपको किसी न किसी तरह के सपने आते हैं.
स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?
ये सपने तब आते हैं, जब आप या तो कोई भूतिया फिल्म देख लेते हैं.
साहसी बच्चा और डूबता कुत्ता: प्रेरक कहानी
सपनों को एक्सप्लेन करें: उन अंतर्निहित भावनाओं और स्थितियों को समझने के लिए अपने सपनों का विश्लेषण करें जो उन्हें पैदा कर सकती हैं।
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बुरे सपने ज्यादातर आधी रात के समय आते हैं,इनका कोई फिक्स समय नहीं होता ये एक से ज्यादा बार भी आ सकते हैं
मुंशी प्रेमचंद की कहानी- 'नमक का दारोगा', ईमानदारी की जीत
मानसिक तनाव और डिप्रेशन – बुरे सपनों की बड़ी वजह